बेख़बर होकर भला हम क्यों जिये आ गया तुझमें ही खपने और तुम। बेख़बर होकर भला हम क्यों जिये आ गया तुझमें ही खपने और तुम।
वह बचपन की यादें और माँ का प्यार नहीं भूल पाएंगे। वह बचपन की यादें और माँ का प्यार नहीं भूल पाएंगे।
साथ हो तुम, मेरा आज हो तुम आने वाले हर कल का, साज़ हो तुम। साथ हो तुम, मेरा आज हो तुम आने वाले हर कल का, साज़ हो तुम।
खुशी छुपी हाेती हैं. खुशी छुपी हाेती हैं.
हवा अपनी मदहोशी में, ज़ब दुपट्टा उड़ा जाती है ऐसे आलम में, वो लड़की बहुत याद आती है ! हवा अपनी मदहोशी में, ज़ब दुपट्टा उड़ा जाती है ऐसे आलम में, वो लड़की बहु...
मैं भी खुद से विमुख खुद की जड़ें ढूँढने लगती हूँ ...।। मैं भी खुद से विमुख खुद की जड़ें ढूँढने लगती हूँ ...।।